Myfayth

मंत्र पुष्पांजलि – ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त (Mantra Pushpanjali)

पुष्पांजलि का अर्थ है फूलों से भरी हुई अंजलि जो किसी देवता अथवा महापुरुष को अर्पित की जाती है।
READ MOREPlayback speed1x Normal00:00/01:43Skip
धार्मिक अनुष्ठानों अर्थात हवन, पूजन, आरती, ग्रहप्रवेश, विवाह कर्म या अन्य पूजन से संबंधित कार्यों में देव शक्तियों को मंत्र पुष्पांजलि अर्पित की जाती है, मंत्र पुष्पांजलि के बाद ही धार्मिक पूजा के अनुष्ठान पूर्ण होने की मान्यता है।

प्रथम:

ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तनि धर्माणि प्रथमान्यासन् ।

ते ह नाकं महिमान: सचंत यत्र पूर्वे साध्या: संति देवा: ॥

द्वितीय:

ॐ राजाधिराजाय प्रसह्य साहिने।

नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे।

स मस कामान् काम कामाय मह्यं।

कामेश्र्वरो वैश्रवणो ददातु कुबेराय वैश्रवणाय।

महाराजाय नम: ।

तृतीय:

ॐ स्वस्ति, साम्राज्यं भौज्यं स्वाराज्यं

वैराज्यं पारमेष्ट्यं राज्यं महाराज्यमाधिपत्यमयं ।

समन्तपर्यायीस्यात् सार्वभौमः सार्वायुषः आन्तादापरार्धात् ।

पृथीव्यै समुद्रपर्यंताया एकरा‌ळ इति ॥

चतुर्थ:

ॐ तदप्येषः श्लोकोभिगीतो।

मरुतः परिवेष्टारो मरुतस्यावसन् गृहे।

आविक्षितस्य कामप्रेर्विश्वेदेवाः सभासद इति ॥

॥ मंत्रपुष्पांजली समर्पयामि ॥

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top