खाटू श्याम जी
खाटू श्याम जी कलियुग के प्रसिद्ध देवता हैं। बर्बरीक उर्फ खाटूश्यामजी बलियादेव उर्फ श्याम भीम (पांडव भाइयों में से दूसरे) का पोता और घटोत्कच का पुत्र था। घटोत्कच भीम और हिडिंबी का पुत्र था। बचपन में भी बर्बरीक बहुत वीर योद्धा थे। उन्होंने युद्ध की कला अपनी माँ से सीखी थी। देवताओं (अष्टदेव) ने उन्हें तीन अचूक बाण दिए। जब वीर बर्बरीक ने धर्म के लिए अपना सिर बलिदान कर दिया था। भगवान कृष्ण ने बर्बरीक के महान बलिदान (शीश दान) से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया कि जब कलियुग आएगा, तो उनके रूप में श्याम के नाम से उनकी पूजा की जाएगी। उन्हें अपने भक्तों में शीश के दानी (सिर का दाता) भी कहा जाता है। सच्चे हृदय वाले तीर्थयात्रियों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
श्री खाटू श्याम जी आरती
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
श्री खाटू श्याम जी आरती अंग्रेजी में
Om Jai Shri Shyam Hare,
Baba Jai Shri Shyam Hare ।
Khatu Dham Birajat,
Anupam Roop Dhare ॥
Om Jai Shri Shyam Hare…॥
Ratan Jadit Singhasan,
Sar per Chanvar Dhule ।
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