काक चेष्टा, बको ध्यानं,
स्वान निद्रा तथैव च ।
अल्पहारी, गृहत्यागी,
विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥
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हिन्दी भावार्थ:
एक विद्यार्थी मे यह पांच लक्षण होने चाहिए..
कौवे की तरह जानने की चेष्टा,
बगुले की तरह ध्यान,
कुत्ते की तरह सोना / निंद्रा
अल्पाहारी, आवश्यकतानुसार खाने वाला
और गृह-त्यागी होना चाहिए ।